बच्चे पुकारते हैं मम्मा यादों से उतर कर नयनों में नयनों से उतर कर धरती पर जल्दी आ जाओ मम्मा .... के भावपूर्ण शब्दांजलि के साथ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय केंद्र की मां जगदम्बा की 59 वीं पुण्यतिथि ओम शान्ति फारबिसगंज केंद्र में संचालिका बी के रुक्मा दीदी सह संचालिक बी के संतोषी दीदी,सीता दीदी मनीषा बहन के नेतृत्व में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई।इस अवसर पर सर्वप्रथम मां जगदम्बा की तस्वीर पर पुष्प माला अर्पित कर शिव बाबा को भोग लगाया गया।
संचालिका रुक्मा दीदी ने बताया की मात्र 17 वर्ष की आयु में ताजधारी के बदले पीतांबरधारी को प्राथमिकता देने वाली युवती राधे अपने सत्कर्म से पहले ओम राधे बनी और उसके बाद निरंतर आगे बढ़ती हुई शिव बाबा के यज्ञ की सबसे बड़ी मां जगदम्बा के रूप में स्थापित हो गईं।उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी की उनके ज्ञान में बाबा के प्रति कोई संशय था हीं नहीं।हां जी के शब्द उनके ताकत थे और इससे उनके सारे काम अपने आप पूरे हो जाते थे। बी के संतोषी दीदी,बहन मनीषा भाई रामाशीष ने कविता और गीत के माध्यम से अपनी भावना बयक्त की तो डॉक्टर यू सी मंडल, अजातशत्रु अग्रवाल ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए अपनी अपनी भावांजलि दी। सिंधु दीदी ,शांति बहन रामप्रकाश भाईजी,प्रेम,सुनील केशरी,दुलाल दा,अजातशत्रु, अग्रवाल,शंभू साह,माणिक सिंह,सूर्य नारायण भाई संजयबोथरा,सहित दर्जनों भाई बहन ने अपनी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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