आज दिनांक 25.04.2024 को 56वीं बटालियन सशस्त्र सीमा बल बथनाहा के कमांडेंट श्री सुरेंद्र विक्रम के निर्देशन में मध्य विद्यालय, सिकटिया, दुबटोला में निःशुल्क मानव चिकित्सा शिविर एवं निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर लगाकर कल्याण कार्यक्रम किया गया। मौके पर उपस्थित वाहिनी के कमांडेंट श्री सुरेंद्र विक्रम द्वारा उपस्थित समस्त स्थानीय ग्रामीण एवं सीमा मित्रों को संबोधित करते हुए कहा कि एस. एस. बी.  सेवा, सुरक्षा व बंधुत्व के मूल ध्येय वाक्य के तहत भारत नेपाल सीमा तथा सीमावर्ती जनता की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि आपके गाँव में पशु चिकित्सा शिविर एवं मानव चिकित्सा शिविर लगाया है जिसमें आप अपना स्वयं एवं पशुओं का इलाज करवाएं तथा डॉक्टर के परामर्श अनुसार निःशुल्क दबाई लें। सभी स्थानीय ग्रामीणों से अपील किया कि सीमाओं पर होने वाले किसी भी प्रकार के अपराधिक गतिविधियों की सूचना हमारे कैम्प को दें तथा  निर्भय व अपराधमुक्त सीमा को बनाये रखने में अपना बहुमूल्य योगदान दें। श्री विक्रम द्वारा भारत सरकार द्वारा पूर्व से चलाए रहे आयुष्मान भारत सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे लोगों को जागरूक किया गया।मानव चिकित्सा शिविर में 56वीं वाहिनी बथनाहा के सहायक कमांडेन्ट(चिकित्सा) डॉक्टर मिस लीला द्वारा सीमावर्ती ग्रामीणों की निःशुल्क जांच की गई तथा उनके परामर्श के अनुसार 56वीं वाहिनी के चिकित्सा शाखा के फार्मासिस्ट स.उप. निरीक्षक निहार रंजन पांडा, व अन्य मेडिकल स्टाफ द्वारा स्थानीय ग्रामीणों को मुफ्त दवाइयों का वितरण किया गया।
निशुल्क पशु चिकित्सा शिविर में डॉ. राकेश रौशन, पशु चिकित्सा अधिकारी कुर्साकाटा द्वारा सीमावर्ती पशुओं की जाँच की गई तथा उनके परामर्श के अनुसार 56वीं वाहिनी के पशु चिकित्सा शाखा प्रभारी मुख्य आरक्षी पिंकू सिंह मौर्या व अन्य कर्मी द्वारा सीमावर्ती पशुपालकों को मुफ्त दवाई का वितरण किया गया। 
 मानव चिकित्सा शिविर एवं पशु चिकित्सा शिविर से सैकड़ों की  संख्या में सीमावर्ती ग्रामीण व पशुपालक लाभान्वित हुए।
सशस्त्र सीमा बल द्वारा संचालित इस कार्यक्रम की स्थानीय ग्रामीणों द्वारा काफी सराहना की गई।
इस अवसर पर श्री सत्यनारायण यादव, सरपंच सिकटिया, व अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि, 56वीं वाहिनी डी कंपनी डुबाटोला के कंपनी प्रभारी निरीक्षक भरत सिंह मीणा,  निरीक्षक निशा देवी, स्थानीय ग्रामीण व 56वीं वहिनी के कार्मिक उपस्थित थे।