जागरण कल्याण भारती ने बिहार सरकार से बाल विवाह को रोकने को लेकर असम मॉडल के तहत बिहार मॉडल लागू की मांग जनहित में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है।
संजय कुमार ने बताया कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने संपूर्ण भारत में बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए 16 अक्टूबर 2022 से राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू किया है।
इसी के तहत आसाम सरकार ने बाल विवाह को रोकने के लिए एक मॉडल तैयार किया है जिसकी चर्चा बाल विवाह बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर निर्णय कार्रवाई करने के लिए अन्य प्रदेशों में बड़े जोर शोर से चर्चा हो रही है।
बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से जनहित में अनुरोध किया है कि हमारे अपने बिहार राज्य में बाल विवाह को बढ़ावा देने वाले दोषियों के विरूद्ध तुरंत कार्रवाई करने का आदेश राज्य स्तर पर गठित कमेटी के माध्यम से माननीय न्यायालय एवं संबंधित सरकार के विभाग को आवश्यक सुझाव निर्गत करना चाहिए।
बाल विवाह की वजह से कम उम्र में मातृत्व ,उच्च मातृ मृत्यु दर जैसे गंभीर समस्या पर नियंत्रण में सक्षम होगी।
NHFSV के मुताबिक बिहार में 18 साल से पहले शादी हो गई है उसकी मृत्यु दर पति एक लाख पर 118 है।
बाल विवाह होने से लड़की के शाररिक , मानसिक स्तर पर मानसिक दबाव पड़ता है और बच्चियां शिक्षा से भी वंचित हो जाती हैं।
बाल विवाह के बाद कम उम्र में मां बनने से जन्म लेने वाले बच्चे पर खतरा उत्पन्न होता है।
इस सामाजिक कुप्रथा को हम सबको रोकने का प्रयास करना चाहिए और इसके लिए सभी जनमानस को अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत कर एक साथ मिलकर बाल विवाह को रोकने का प्रयास करना चाहिए ।
बिहार में बाल विवाह को रोकने के लिए राज्य सरकार अपने रास्ते से जिला प्रशासन के माध्यम से समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाती है और जनमानस से अपील भी करती है कि बाल विवाह ना करें।
उसी को लेकर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने पूरे भारतवर्ष में भारत को बाल विवाह मुक्त बनाने का संकल्प लिया है।
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