मढ़ौरा चीनी मिल कि स्थिति बदतर, काट कर बेच दिया गया करोड़ों का लोहा, प्रशासन मौन
मढ़ौरा चीनी मिल कि स्थिति बदतर, काट कर बेच दिया गया करोड़ों का लोहा, प्रशासन मौन
बिहार में बंद पड़ी चीनी मिल में चोरी की कहानी कोई नई नहीं है। आए दिन चीनी मिल से लोहे की चोरी लगातार हो रही है। लगातार लोहे की चोरी की जा रही हैं। लेकिन इस खबर को लेकर ना तो मीडिया का ध्यान जाता है और ना ही प्रशासन का। हम बात कर रहे हैं मढ़ौरा चीनी मिल की… जहां पिछले कई सालों से लगातार लोहे को काटकर बेच दिया जाता है। जिसपर सरकार का ध्यान तक नहीं जाता है।
एक तरफ बिहार में लगातार नई फैक्ट्रियां और मिल को चालू करने की मांग लगातार उठती रहती है। वही चीनी मिल में हो रहे लोहा के चोरी की ख़बरें यहां की बदहाल स्थिति को दर्शाती है। खबर की मानें तो अभी तक लगभग 50 करोड से भी ज्यादा रुपये के लोहे को काटकर बेच दिया गया है। काटने का सिलसिला लगातार जारी है।
रोजगार की तलाश में बिहार के लोग दरबदर भटकते रहते हैं। बिहार में बहुत सारी चीनी मिलें बंद पड़ी है जो कि जर्जर हैं। लेकिन इसको पुनः चालू भी नहीं करवाया जा रहा। धरोहर के तौर पर ही सही लेकिन संजोने के बजाय इस खंडहर के मशीनों को काट कर बेच दिया जाता है।
बंद पड़े चीनी मिल के पुर्जे को बचाने की मुहिम के तौर पर लोग लगातार आगे आते हैं। लेकिन बंद पड़े चीनी मिलों में चोरी का सिलसिला पिछले कई वर्षों से लगातार जारी है। स्थानीय प्रशासन का काम करने का तरीका भी उदासीन ही है। जिसके कारण चोरों का हौसला भी काफी बढ़ जाता है, इसलिए कई वर्षों से लगातार चोरी हो रही है।
कई सालों से बंद पड़ी मढ़ौरा चीनी मिल चोरों के हवाले हो गई है। इस मिल से रोजाना स्थानीय असामाजिक तत्वों के द्वारा तीन शिफ्टों में मिल से लोहा, तांबा, पीतल, लकड़ी आदि की चोरी खुलेआम की जा रही है। यह सबकुछ जानते हुए भी स्थानीय पुलिस हाथ पर हाथ धरे तमाशा देख रही है।
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